जगह – लाजपत नगर सेंट्रल मार्किट ( नई दिल्ली )
समय – शाम 4:30 बजे
दिनांक – 30 मार्च 2013
सभी आवाज़ों के साथ एक और आवाज़ यहाँ के माहौल को गुथे जा रही थी। हल्की नीली पोशाक एक हाथ में डंडा और दूसरे हाथ में सीटी लिए वो पूरी जगह में नुकीली पी.. पी…पी. पी… की आवाज़ के साथ घूमे जा रहा था। वो कभी भीड़ को सीटी मार-मार कर खुद के होने को जाहिर करता तो कभी हाथ में रखे डंडे को जमीन पर तीन-चार बार ठक्-ठक्-ठक्-ठक् की आवाज़ के साथ खुद के लिये जगह बनाता हुआ आगे निकल जाता।
इस जगह में उसकी पी-पी… की ये आवाज़ सभी को चौकन्ना रखती और चेतावनी का अहसास माहौल डाल रही थी। जैसे ही वो गार्ड पीपी… पी. करता हुआ लाजपत नगर सेंट्रल मार्किट में दाख़िल होता तो उस जगह के कई दृश्य टूटते और बदलते हुए नजर आते।
बाज़ार में किसी जगह पर लगी भीड़ टुकड़ों में बिखर जाती, रास्ते पर खड़े लोग किनारे हो लेते, ख़ानाबदोश ठिये फिर कंधो पर चढ़ जाते। लोगों को सचेत करती उसकी सीटी और डंडे की ज़ुबान जैसे ही आगे निकल जाती माहौल पहले की तरह सामान्य हो जाता।
विक्की