Haqeeqat
1964
word of the week: आहट / aahat
आहट / aahat
ये आवाज़ का एक अहसास है। किसी छोटी- सी हरकत या गति से पैदा होती है। अपने हल्केपन के कारण साफ़ सुनने के रेंज से नीचे ही रहती है। आहट सुनने के लिए चौकन्ना होना पड़ता है। इसमें यथास्थिति के टूटने का भाव है। सुनने वाले के लिये आहट चौंकाती है या राहत देती है। कुछ आहटें जानी-पहचानी होती हैं, कुछ बिल्कुल नई। ऐसी स्थिति में आहट क़यास या अनुमान का कारण बनती है – क्योंकि आहट में दृश्य तत्व नहीं होता।
Translation: Sound almost below threshold of hearing, so soft it is sensed more than heard.
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Kabariwalas
Kabariwalas in National Park, Lajpat Nagar.
Using the acoustics of the built up streets to let people know they are there
with their bicycles ready to buy recyclable materials,
newspapers, scrap metal, old shoes, etc.
word of the week: कर्कश आवाज़
कर्कश आवाज़
कर्कश आवाज़ को कान झेलते हैं। कर्कश आवाज़ में क्या कहा जा रहा है, उसे समझने से पहले उसके अंदाज़ और उसका वॉल्यूम से दिमाग अटक जाता है। ये मधुर आवाज़ का विलोम है। ये आवाज़ किसे पसंद है ? शायद उसको भी नहीं जों इसका इस्तेमाल करता है।
यशोदा
translation: a hoarse/grating voice
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गर याद रहे
Anand (1971)
इंसान जब मरता है तब तमाम तरह के अनुष्ठान होते है: उन्हें दफ़नाया जाता है, तो कहीं जलाते है । फिर फूल चुनने जाते है और अस्थि को एक लोटे में रख देते है। एक साल बाद उस लोटे को गंगा में बहा देते है। दरअसल ये उस ज़माने के रीतिरिवाज है जब आधुनिक तकनीक नहीं थी। इसलिए लोग अपने अज़ीज़ों की काफ़ी दिनों तक अपने पास एक ऐसी चीज़ रखते थे जो उनकी मौत को झुठला सके। लोग राख रखते थे। राख यानि याद के रुप में एक ठोस चीज़ जिसे आप अपने पास संभाल कर रख सकते हो।तस्वीर पर पड़ी माला उसी अनुष्ठान का दृश्य रूपक है।
शोला था जल बुझा हूँ हवाएं मुझे न दो
मैं कब का जा चुका हूँ सदाएं मुझे न दो।
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