सन्नाटा
सन-सन की आवाज़ से पैदा हुआ ख़ामोशी का यह पर्याय कितना दिलचस्प है! ‘मुर्दा शांति’ या ‘पिन ड्रॉप सायलेन्स’ को भी अभिव्यक्ति के लिए आवाज़ की ज़रूरत होती है। सन्नाटा यानि जब आवाज़ों का अभाव इतना तीखा हो कि उसका अहसास आप पर भारी पड़ जाए। ऐसी ख़ामोशी जहाँ आप अपनी हरकत को ही सुनने लगें। इतनी अविश्वसनीय कि कोई भुतहा मौजूदगी प्रतीत होने लगे। शहरों में ऐसे मौक़े कभी आते हैं क्या?
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